अपनी देखभाल
अगर आप कोविड-19 से संक्रमित हों, तो अपनी देखभाल कैसे करें
- इस बारे में विशेषज्ञ की ही राय लें- डॉक्टर से मिलकर सलाह लें और उनके बताए गए इलाज को अपनाएं
- याद रखें कि डर या घबराहट महसूस होना सामान्य बात है, लेकिन ज़रूरी यह है कि आप जानकारी या किसी मेडिकल ज़रूरत के लिए, किसी विश्वसनीय रिसॉर्स पर ही भरोसा करें
- अपनी ज़रूरतों की एक लिस्ट तैयार कर लें- जैसे-फ़िज़िकल चीज़ें (दवाइयां, पौष्टिक आहार, नींद वग़ैरह), भावनात्मक चीज़ें (जैसे- वर्चुअल तरीक़े से अपने दोस्तों या क़रीबियों से बातचीत करना), मेन्टल हेल्थ से जुड़ी चीज़ें (दूसरों से अलग रहने के दौरान रोज़ाना की गतिविधियां )-और ज़रूरत पड़ने पर ऐसे लोगों से संपर्क करने में देर न करें, जो आपकी किसी तरह की मदद कर सकें
- बीमारी के अपने लक्षणों और रिकवरी (स्वास्थ्य लाभ) पर नज़र रखें
- इमरजेंसी में काम आने वाले नंबर वग़ैरह और आगे की योजना भी तैयार रखें, ताकि अगर किसी वजह से बीमारी के लक्षण बढ़ें, तो इनसे जल्द से जल्द मदद मिल सके
- क्वॉरंटीन में समय बिताने के दौरान, ऐसे व्यायाम या गतिविधियों को शामिल करें जिनसे आपका मन शांत हो सके। उन बातों को समझने की कोशिश करें जिनसे आपका तनाव बढ़ता है। इससे आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं या उसे कंट्रोल कर सकते हैं।
- सोने से पहले, किसी डायरी या नोटपैड पर दिन के ख़ुशी के पल को लिख लें।
- भले ही आप कुछ दिनों के लिए अलग रह रहे हों, लेकिन हर दिन की अपनी दिनचर्या न बदलें। अपना रूटीन काम जारी रखें।
अगर आप COVID-19 से संक्रमित न हों, तो अपना ख़्याल और देखभाल कैसे करें:
- हर दिन सोशल मीडिया और न्यूज़ पर कम समय बिताएं।
- अपने शौक पैदा करें। नई या पुरानी आदतों को फिर से जिएं।
- रोज़ाना किसी न किसी तरह की शारीरिक गतिविधि करें। इसमें 10 मिनट तक चलने को भी शामिल किया जा सकता है।
- दिन में दोस्तों और अपनों से वीडियो कॉल या फ़ोन पर बात करने का समय तय करें।
- छोटी से छोटी ख़ुशियों और जीत का जश्न मनाने में कंजूसी न बरतें, आप उस ख़ुशी को मनाने के हक़दार हैं!
- अपनी साँसों पर ध्यान लगाएं और दिन में कुछ समय के लिए, मल्टीटास्क करने से परहेज़ करें।
- बटरफ़्लाई हग्स आज़माएँ: अपनी दोनों बाज़ुओं को छाती पर एक दूसरे की विपरीत दिशा में इस तरह रखें कि आपके हाथ, कंधों को छू पाएं। साथ ही, बारी-बारी से, दोनों हाथों से कन्धों को थपकी दें। इसे तब तक करें, जब तक आपको आराम न महसूस हो।
- ज़ेहन के ख़्याल काग़ज़ पर उतारें: हर दिन अपने विचारों को कुछ मिनट के लिए कहीं दर्ज करें। सही और ग़लत की परवाह किए बिना, अपने मन की बात लिख डालें।