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डिप्रेशन (अवसाद) और एंगज़ाटी से परेशान बच्चों की देखभाल करना

अवसाद और एंगज़ाटी से जूझ रहे बच्चे की देखभाल करना न सिर्फ़ मुश्किल, बल्कि चुनौतियों भरा तजुर्बा हो सकता है। बतौर माता-पिता अपने बच्चे की देखभाल के दौरान इन बातों का ख़्याल रखें, ताकि अवसाद और एंगज़ाटी से उभरने में उसकी मदद हो सके:

  • डिप्रेशन और एंगज़ाटी के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूक बनें:

    आप चाहें, तो ‘मन टॉक्स’ की हेल्पलाइन नंबर पर फ़ोन करके या ईमेल द्वारा संपर्क करके यहाँ मौजूद मानसिक स्वास्थ्य की पेशेवर टीम से भी जुड़ सकते हैं।

    आप WHOAPAWhite Swan Foundation for Mental HealthMinds. जैसे विश्वसनीय रिसॉर्स की मदद ले सकते हैं।

  • आप दूसरों के लिए जो कर रहे हैं और जो कह रहे हैं, दोनों का ख़्याल रखें

    अवसाद और चिंता से नकारात्मक विचार पैदा हो सकते हैं। भले ही आप नेक इरादों के साथ कुछ कहना चाहते हों, लेकिन हो सकता है कि यह अनजाने में आपके बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल दे।

ऐसी बातों और बयानों से बचें

जो उनके व्यवहार की आलोचना करे

“तुम्हें हमेशा ही थकान महसूस होती है”

जो दूसरों से उनकी तुलना करे

“अपने दोस्तों को देखो, वे भी यही इम्तिहान दे रहे हैं, लेकिन वे तो नहीं डर रहे”

जो उनकी भावनाओं को काफ़ी हल्का आंके

“हर किसी की ज़िन्दगी में उतार-चढ़ाव आते हैं”

जो क्षमताओं और लड़ने की उनकी शक्ति को तंज़ कसे

“लेकिन तुम तो काफ़ी मज़बूत हो”
“अवसाद कमज़ोर और बुज़दिल लोगों की निशानी है”

जो उनके प्रयासों की आलोचना करे

“अरे देखो तो, आज कौन जल्दी उठा है!”

सुरक्षित माहौल का निर्माण

धैर्य से अपने बच्चे की बातें सुनें। उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को शेयर करने दें।

क्या न करें

क्या करें

जो भावनाएं वो आपसे साझा कर रहे हैं उन्हें लेकर उनके बारे में कोई राय न बनाएं

उन्हें अपनी बात खुलकर कहने दें, बिना इस बात की फ़िक्र किए कि आप इसके बाद उनके लिए कोई राय बना लेंगे

उन्हें सिर्फ़ सलाह न देते रहें

उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा सुनें

आप चाहें, तो ‘मन टॉक्स’ की हेल्पलाइन नंबर पर फ़ोन करके या ईमेल द्वारा संपर्क करके यहाँ मौजूद मानसिक स्वास्थ्य की पेशेवर टीम से भी जुड़ सकते हैं।

  • अपना (भी) ख़्याल रखें

    अपने बच्चे को किसी तरह की मानसिक परेशानी में देखना काफ़ी तकलीफ़ भरा हो सकता है, जिसके चलते आप ख़ुद तनाव महसूस कर सकते हैं। पक्का करें कि केयरगिवर (देखभाल में लगा व्यक्ति) के तौर पर आप ज़रूरत के मुताबिक़ आराम करें और ब्रेक लेते रहें। तनाव की हालात में किसी क़रीबी से बात करने की कोशिश करें।

    अगर ऐसा करना मुमकिन न हो, तो ‘मन टॉक्स’ से कॉल या ईमेल के ज़रिए हमसे जुड़ें और आज ही मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े हमारे पेशेवर लोगों की टीम से मदद पाएं।